सहारनपुर। दो साल बाद सहारनपुर महानगर के सभी भवनों के नंबर बदल जायेंगे। मकान-दुकान-प्रतिष्ठान ही नहीं खाली प्लाटों को भी नंबर आवंटित किया जायेगा। इसके अलावा जो भवन कर निर्धारण में छूट गए है उन्हें भी कर निर्धारण की परिधि में लाया जायेगा। इसके लिए नगर निकाय निदेशालय द्वारा सहारनपुर नगर निगम क्षेत्र का जीआईएस सर्वे कराया जा रहा है।
नगर निगम सहारनपुर के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रविश चौधरी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश नगर निकाय निदेशालय द्वारा प्रदेश के अनेक नगर निगमों का जीआईएस सर्वे कराया जा रहा है। सहारनपुर नगर निगम का सर्वे करने का दायित्व प्रदेश निदेशालय द्वारा आईएलएफएस कंपनी को दिया गया है। नगर निगम द्वारा उक्त कंपनी को महानगर क्षेत्र का लगभग सभी कंप्यूटर डाटा उपलब्ध करा दिया गया है। चौधरी ने बताया कि उक्त कंपनी द्वारा सर्वे के लिए पहले सहारनपुर नगर निगम क्षेत्र की सेटेलाइट से इमेज (चित्र) ली जायेगी, उसके बाद कंपनी और निदेशालय की संयुक्त टीम द्वारा फिजीकल सर्वे कराया जायेगा। मोबाइल एप के माध्यम से किये जाने वाले इस फिजीकल सर्वे की रिपोर्ट कंपनी और निदेशालय को भी तुरंत प्रेषित होती रहेगी। आईएलएफएस कंपनी के प्रतिनिधियों ने यहां नगर निगम में टैक्स विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्र्रोजेक्ट के माध्यम से कंपनी की कार्यप्रणाली की जानकारी व प्रशिक्षण देते हुए आवश्यक जानकारी साझा की। इस दौरान मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रविश चौधरी के अलावा कर निर्धारण अधिकारी विनय शर्मा व विभाग के समस्त कर्मचारी मौजूद रहे।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि उक्त सर्वे के बाद सभी भवनों के नंबर क्रमानुसार निर्धारित हो जायेंगे। यहां तक कि खाली प्लांटों को भी नंबर आवंटित हो जायेगा। दूसरे जो भवन टैक्स से छूट गए हैं उन्हें भी टैक्स की परिधि में शामिल किया जायेगा। चौधरी ने बताया कि कर निर्धारण की प्रक्रिया शासन की पूर्व निर्धारित नीति के अनुसार ही रहेगी, यानि सड़कों की चौड़ाई, भवनों का प्रकार, उनके क्षेत्रफल आदि को पूर्व की तरह ही आधार बनाया जायेगा।
Comments
Post a Comment